ई-रूपी (e-RUPI) अर्थात ई-वाउचर

ई-रूपी (e-RUPI) अर्थात ई-वाउचर

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 04 अगस्त 2021 को शाम 4.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ई-रूपी (e-RUPI) अर्थात ई-वाउचर-आधारित डिजिटल भुगतान समाधान ई-आरयूपीआई लॉन्च किया. यह एक प्रीपेड ई-वाउचर है, जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है। ई-रुपया एक कैशलेस और संपर्क रहित साधन है। यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जो लाभार्थियों के मोबाइल पर भेजा जाता है। यह बिना किसी मध्यस्थ की भागीदारी के सेवा प्रदाता को समय पर भुगतान करेगा । भुगतान सुविधा के रूप में यह सरकार को लक्षित कल्याणकारी कार्यक्रमों को गति प्रदान करने में मदद करेगा।

ई-रूपीः डिजिटल पेंमेंट हेतु यह एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस तरीका है यह त्वरित प्रक्रिया कोड (QR) या एसएमएस स्ट्रिंग आधारित वाउचर है, जो उपयोगकर्ताओं के मोबाइल पर भेजा जाता है।

·उपयोगकर्ता कार्य, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस मोड के आवश्यकता बिना वाउचर भुलाने में सक्षम होंगे।

· यह सिस्टम प्रीपेड प्रकृति का है किसी भी मध्यस्थ के बिना सेवा प्रदाता को समय पर भुगतान का आश्वासन देतो है।

· ई-रूपी सेवाओं के प्रायोजकों को बिना किसी भौतिक इंटरफेंस के डिजिटल मोड में लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ जोड़ता है। UPI (यूपीआई), DBT (डीबीटी) और जन धन योजना - पैसों के हस्तांतरण के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया (NPCI) ने यूपीआई सिस्टम की शुरूआत की। यह ऑनलाइन पेंमेंट को बेहद आसान बना देता है क्योंकि इसमें डिजिटल वॉलेट, क्रेडिट या डेबिट की आवश्यकता नहीं होती। यह प्रणाली तत्काल भुगतान सेवा आईएमपीएस स्ट्रक्चर पर कार्य करती है जिसके द्वारा उपयोगकर्ता को वास्तविक समय में अंतर-बैंक इलेक्ट्रॉनिक धन हस्तांतरण की सुविधा मिलती है। इंटरफेस के जरिये पैसे का ट्रांसफर 1 लाख रुपये प्रतिदिन कर सकते है प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण - प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना धन का दुरुपयोग रोकने के लिये है किसी भी सरकारी धन व योजना के लाभार्थी तक पहुँचने से पहले होने वाले भ्रष्टाचार पर नियंत्रण स्थापित करती है। इस योजना के तहत केन्द्र सरकार लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत दी जाने वाली सब्सिडी का भुगतान सीधे बैंक खाते में कर देती है।

प्रधानमंत्री जनधन योजना - प्रधानमंत्री जन धन योजना वित्तीय समावेशन संबंधी राष्ट्रीय मिशन है जिसकी शुरूआत 28 अगस्त 2014 को हुई। प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत खोले गए बैंकों खातों के लिये कोई न्यूनतम राशि रखना आवश्यक नहीं है जमाराशि पर ब्याज भी प्रदान किया जाता है। प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत खोले गए बैंक खातों की ओवरड्राफ्रट की सीमा को 5000 रुपये से बढ़ाकर दोगुना 10,000 कर दिया गया है।

ई-रूपी का लाभः ई-रूपी का उपयोग आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, उर्वरक सब्सिडी योजनाओं के तहत सेवाएँ देने के लिये भी किया जा सकता है।

· ई-रूपी प्रणाली के इन्टरनेट की आवश्यकता नहीं है।

· ई-रूपी का प्रयोग निजी क्षेत्र में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में लाभ उठाया जा सकता है।

· कल्याणकारी सेवाओं की लीक-प्रूफ डिलीवरी सुनिश्चित करता है।

· प्रीपेड प्रकृति होने के कारण बिना मध्यस्थ की भागेदारी के समय पर भुगतान किया जा सकता है।

· महामारी के कारण गरीबों की आजीविका के साधनो का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया इसलिए ई-रूपी तनाव को कम कर सकता है।

नकद हस्तांतरण और वस्तु हस्तांतरण के बीच सहयोगी- नीति निर्माताओं के अनुसार प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण और ई-रूपी प्रणाली, वस्तु हस्तांतरण की तुलना में अधिक कुशलता से लाभ पहुँचाते है।

ई-रूपी वाउचर के माध्यम से जन वितरण प्रणाली में होने वाले भ्रष्टाचार को नियंत्रित कर सकता है लाभार्थी वाउचर के माध्यम से नकद हस्तांतरण से लाभ को अर्जित कर सकता है। सरकार की योजनाओं का अधिकतम लाभ उठा सकता है।

नकद हस्तांतरण और वस्तु हस्तांतरण की कुछ समस्याएँ:

· नकद हस्तांतरण की समस्या यह भी लाभार्थी उसका प्रयोग उसी के लिए करेगा जिसके लिए आंवटन किया गया इसमें पारदर्शिता व निजी हित की समस्या है। नकद हस्तांतरण सरकार का अच्छा विकल्प है परंतु ग्रामीण क्षेत्रें में इससे संबंधित उपयुक्त जागरूकता का अभाव।

· वस्तु हस्तांतरण में प्रमुख समस्या बिचौलियों व भ्रष्टाचार की है। साथ ही वस्तु हस्तांतरण का उपयोग लाभार्थी व्यक्ति को लाभ मिल रहा है या नहीं यह भी प्रमुख समस्या है। ॰ वस्तु हस्तांतरण में गुणवक्ता मुक्त अनाज की कमी भी एक समस्या है अच्छे अनाज को बाजार में विक्रय कर, कम पोषकमुक्त अनाज का वितरण होता है जैसे हॉल में बहराइच में पीडीएस शॉप पर यह समस्या देखी गई।